Citizenship Amendment Act in Hindi
CAA (Citizenship Amendment Act in Hindi) के तहत मुस्लिम समुदायों को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुमूल्य पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्म के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है
केंद्र सरकार ने CAA (Citizenship Amendment Act in Hindi) से संबंधित एक वेब पोर्टल तैयार किया है तीन मुस्लिम बाहुल्य प्रदेशों के पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहाँ के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी
केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम है इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी (citizenship amendment act meaning in hindi)
इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए आवेदन पोर्टल पर आवेदन करना होगा उधर केंद्र द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद दिल्ली, उत्तर समेत कई राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने CAA (Citizenship Amendment Act in Hindi) को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था इस पार्टी ने बड़ा मुद्दा बनाया था
गृह मंत्री अमित शाह हाल ही के अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून या CAA (Citizenship Amendment Act in Hindi) को लागू करने की बात कर चुके हैं उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा अब केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू कर दिया है
What is CAA (Citizenship Amendment Act in Hindi) Law in India
भारतीय नागरिकता कानून CAA (Citizenship Amendment Act in Hindi) क्या है सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट क्या है CAA फुल फॉर्म क्या है और CAA लागू होने पर हमारे देश में क्या-क्या बदलेगा
गृह मंत्रालय 2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले भारत में CAA (Citizenship Amendment Act in Hindi) कानून की अधिसूचना लेकर आई है इसके बाद पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत में नागरिकता दी जाएगी (citizenship amendment act meaning in hindi)
What is CAA Law in India | भारतीय नागरिकता कानून CAA क्या है
नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद दिसंबर 2014 के बाद तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देश से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से जो लोग किसी न किसी उत्पीड़न के कारण भारत आए थे उन्हें भारतीय नागरिकता मिल जाएगी इसमें गगैर मुस्लिम अल्पसंख्यक जैसे कि हिंदू, शेख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल है
2016 में नागरिकता संशोधन बिल पहली बार लोकसभा में पहले पेश किया गया था यहां से यह पास भी हो गया था लेकिन राज्यसभा में यह भटक गया था बाद में इस संसदीय समिति के पास भेजा गया और फिर 2019 का चुनाव आया तो फिर मोदी सरकार आ गई
दिसंबर 2019 से इसे दोबारा लोकसभा में पेश किया गया इस बार इस बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास हो गया था इसे 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी हालांकि उसे समय कोरोना महामारी के कारण इस बिल को वहीं पर रोक दिया गया
CAA से किस मिलेगी नागरिकता
इस बिल के तहत धार्मिक आधार पर उत्पीड़न के बाद 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी केवल इन तीन देशों से लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे
CAA का भारतीय नागरिकों पर नहीं पड़ेगा असर
इस बिल का भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है इस बिल में ना तो कोई कानून है कि इससे कोई भारतीय नागरिकता किसी से छीन नहीं सकता ऐसा कहीं भी इस बिल में नहीं लिखा गया है और इस बिल का मतलब ही नागरिकता देना है ना की नागरिकता छीनना
क्या होगी आवेदन की प्रक्रिया
इस कानून के आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी आवेदकों को यह बताना होगा कि वह भारत कब आए थे अगर उनके पास कोई पासपोर्ट या अन्य कोई यात्रा के दस्तावेज नहीं है तो भी वह आवेदन कर सकते हैं इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है अन्य विदेशियों ( मुसलमान) के लिए यह अवधि 11 से अधिक साल तक है
सरकार CAA को अब तक क्यों टालती रही
भाजपा शासित असम और त्रिपुरा में इस कानून पर आशंकाएं पैदा हो गई थी पहले विरोध प्रदर्शन भी असम में हुआ इस कानून में प्रावधान है कि 25 मार्च 1971 से पहले जो भी विदेशी लोग असम में आकर बसे हैं उन विदेशियों को नागरिकता दी जाएगी इसके बाद बांग्लादेश एक अलग देश बन गया था
CAA को लेकर लोगों के मन में क्या आशंका थी
CAA और NRC यानि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की दिशा में एक कदम के रूप में देखा गया था लोगों को डर था की बड़ी संख्या में लोगों को विदेशी घुसपैठ या बढ़कर बाहर निकाल दिया जाएगा CAA और NRC कानून लागू होने के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश में आशंका व्यक्त की गई थी कि बांग्लादेशी शरणाती बड़ी संख्या में वापस लौटेंगे
क्या अभी तक किसी को नागरिकता नहीं मिली
सरकार ने नागरिकता को लेकर नौ राज्यों के डीएम को बड़ी शक्तियां दे दी है पिछले दो वर्षों में नौ राज्यों के 30 से अधिक जिला अधिकारियों और गृह सचिवों को अधिकार दिए गए हैं डीएम के पास अफगानिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता देने की शक्ति है
4 साल के 3117 अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिली गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिसंबर 2021 में राज्यसभा को बताया था कि वर्ष 2018, 2019 और 2021 के दौरान पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान के कुल 3117 अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई हालांकि 8244 आवेदन प्राप्त हुए थे
गृह मंत्रालय की 2021 से लेकर 2022 रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल दिसंबर 2021 में कुल 1414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई जिन 9 राज्यों में नागरिकता दी गई है उनमें गुजरात राजस्थान छत्तीसगढ़ हरियाणा पंजाब मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल है
शरणार्थी नॉर्थ ईस्ट में क्यों बसे
पूर्वोत्तर अल्पसंख्यक बंगाली हिंदुओं का गढ़ बन गया है इसकी वजह भी सामने आ गई है पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा बड़ी संख्या में बंगाली भाषा लोगों का घर था जिन्हें लगातार हिंसा का सामना करना पड़ता था 1971 में युद्ध हुआ और एक नया देश बांग्लादेश बना लेकिन कुछ ही समय में बांग्लादेश में भी हिंदू बंगालियों पर अत्याचार होने लगा क्योंकि बांग्लादेश में भी मुस्लिम बहुसंख्यक है
पाकिस्तान और बांग्लादेश में अत्याचारों से तंग आकर लोग भारत की ओर पलायन करने लगे हालांकि यह लोग अलग-अलग राज्यों में बस रहे थे लेकिन उन्हें नॉर्थ ईस्ट की संस्कृति अपने करीब लगी और वह वही बसने लगे क्योंकि पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा बांग्लादेश से लगती है इसलिए वहां से भी लोग आते हैं
Citizenship Amendment Act से क्या बदल जाएगा
हालांकि गारो और जेतीयों जैसी जनजातीय मेघालय की मूल निवासी है लेकिन अल्पसंख्यकों के आने के बाद वे पीछे रह गई सर्वत्र अल्पसंख्यकों का दबदबा हो गया इसी पर त्रिपुरा में बोराक समुदाय मूल निवासी हैं लेकिन वहां भी बंगाली शरणार्थी भर गए हैं यहां तक की सरकारी नौकरियों में बड़े पद भी उनके पास चले गए हैं
असम में 20 लाख से ज्यादा बांग्लादेशी हिंदू अवैध रूप से रह रहे हैं 2019 में स्थानीय संगठन कृषक मुक्ति संग्राम समिति ने यह दावा किया था उन राज्यों में भी यही स्थिति है अब सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट लागू हुआ तो मूल निवासी की बच्ची ताकत भी खत्म हो जाएगी दूसरे देशों से आकर बसने वाले अल्पसंख्यक उनके संसाधनों पर कब्जा कर लेंगे इसी तरह चलते पूर्वोत्तर का का पूर्ण जोर विरोध कर रहा है
CAA में कौन से धर्म शामिल है
CAA सी में सिक्स गैर मुस्लिम समुदायों हिंदू सिख इसाई जैन बौद्ध और पारसी धर्म शामिल है इन्हें केवल भारतीय नागरिकता तब ही मिल सकती है जब इन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में शरण ली हो
नागरिकता के लिए करना होगा यह काम
सरकार ने पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाया है इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी अप्लाई कर सकता है आवेदन को वह साल बताना होगा जब उन्होंने दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था आवेदकों को से कोई भी दस्तावेज नहीं मन मांगा जाएगा नागरिकता से जुड़े जितने भी बड़े मामले पेंडिंग है वह सब ऑनलाइन कन्वर्ट किए जाएंगे पत्र विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा उसके बाद गृह मंत्रालय जांच करेगा और नागरिकता जारी कर देगा
CAA को लेकर अमित शाह ने कहीं बड़ी बात
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि का का क्रियान्वयन कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लेकर केंद्र पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है
सीएम ममता ने का को बताया भाजपा का प्रचार
केंद्र द्वारा का नियमों की अधिसूचना जारी होने की संभावना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए अधिक सूचना अभी तक जारी नहीं की गई है अगर लोगों को नियमों के तत्वों के अधिकारों से वंचित किया जाता है तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे यह चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार है और कुछ नहीं है