Ganesh ji ka visarjan kyu kiya jata hai | ऐसे करें भगवान गणेश जी का विसर्जन

दोस्तों भगवान श्री गणेश को बुद्धि का प्रधान माना जाता है (Ganesh ji ka visarjan kyu kiya jata hai) हर धार्मिक कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर की जाती है हर साल की भांति इस साल भी सभी के घरों में आसपास के बाजारों में गणेश जी विराजित हो गए हैं और गणित उत्सव की शुरुआत भी हो चुकी है अगले 10 दिनों तक भगवान श्री गणेश की पूरे मन और श्रद्धा से सेवा की जाएगी

देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया है अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री गणेश का विसर्जन किया जाएगा लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान श्री गणेश जी का विशेषण क्यों किया जाता है इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन क्यों किया जाता है (Ganesh ji ka visarjan kyu kiya jata hai) तो लेख को अंत तक जरूर पढ़ें

ganesh ji ka visarjan kyu kiya jata hai
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गणेश स्थापना का नियम (Ganesh Sthapana Vidhi)

अगर आप बाजार में गणेश जी की प्रतिमा ले रहे हैं तो ध्यान रखें प्रतिमा कहीं से खंडित नहीं होनी चाहिए और सनातन धर्म में मंदिर में देवी देवताओं की खंडित मूर्ति रखना वर्जित है

गणेश स्थापना के दिन अपने घरों में मंदिरों में विशेष तौर पर आपको साफ सफाई का ध्यान रखा जाना चाहिए ऐसा माना जाता है की गंदगी वाले जगह पर देवी देवताओं का वास नहीं होता है इसी वजह से अपने घरों को साफ करने के बाद गंगाजल का चिड़काव् जरूर करना चाहिए

भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा को पूर्व दिशा में कलश रखे और दक्षिण पूर्व में देसी घी का दीपक जलाएं

ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री गणेश को लाल रंग बहुत प्रिय है गणेश जी की स्थापना के दौरान लाल रंग के वस्त्र धारण करके पूजा अर्चना करनी चाहिए और लाल रंग के पुष्प अर्पित करना चाहिए

दोस्तों भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति खरीदते वक्त आपको एक चीज का ध्यान जरूर देना चाहिए भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति मिट्टी की होनी चाहिए पाप की मूर्ति कभी नहीं खरीदनी चाहिए क्योंकि मुट्ठी की मूर्ति आसानी से पानी में घुल जाती है और पर्यावरण के लिए भी स्वच्छ मानी जाती है

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भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन क्यों किया जाता है (Ganesh ji ka visarjan kyu kiya jata hai)

भारत तथा दुनिया के ज्यादातर घरों में भगवान श्री गणेश जी का मूर्ति का स्थापना करना होता है श्री गणेश उत्सव का इतिहास लगभग सभी लोग जानते हैं इस दिन की पौराणिक महिमा बहुत कम लोग जानते हैं हमारे धर्म ग्रंथो के अनुसार महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना की लेकिन इतनी बड़ी महाभारत के रचना के लिए कोई आसान काम नहीं था उन्होंने श्री गणेश जी को आराधना की और गणपति जी से महाभारत लिखने की प्रार्थना की भगवान श्री गणेश जी ने अपनी सहमति दे दी और दिन और रात लेखन का कार्य प्रारंभ किया इस कारण गणेश जी को थकान तो होनी ही थी लेकिन उन्हें पानी पीना भी वर्जित था (Ganesh visarjan kyu karte hai)

भगवान श्री गणपति जी का तापमान बड़े नहीं इसीलिए वेदव्यास जी ने उनके शरीर के ऊपर मिट्टी का लेप किया और भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी की पूजा की मिट्टी का लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर पर अकड़न आ गई थी इसी कारण गणेश जी का नाम आर्थिक गणेश भी पड़ा महाभारत का लेखन कार्य 10 दिनों तक चला और अनंत चतुर्दशी के दिन महाभारत के लेखन का कार्य संपन्न हुआ

तो दोस्तों आपको पता चल गया होगा कि 10 दिनों तक महाभारत का कार्य चलता रहा और भगवान श्री गणेश एक ही जगह बैठकर महाभारत का लेखन कार्य को संपन्न किया और अनंत चतुर्दशी के दिन लेखन कार्य संपन्न हुआ इसी वजह से गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की मूर्ति का स्थापना की जाती है और 10 दिनों तक लोग उसकी पूजा अर्चना करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है

गणेश विसर्जन कैसे करें (Ganesh visarjan kab hai)

दोस्तों भगवान श्री गणेश का विसर्जन तीसरे पांचवें सातवें और दसवें दिन घर पर गणपति जी का विसर्जन होता है

भगवान श्री गणेश जी की मूर्ति खरीदते वक्त आपको हमेशा मिट्टी की मूर्ति खरीदनी चाहिए लेकिन अगर आपने इस बार चमक धमक के पाप के गणपति जी बिठा हैं तो पर्यावरण का नुकसान पहुंचा कर अपनी गलती को ना दोहराएं और इन्हें घर पर ही विसर्जित करें (Ganesh visarjan kyu kiya jata hai)

गणपति जी के साइज को देखते हुए एक तब में या बाल्टी में साफ़ पानी भर दे

गणपति जी के मित्रों का जाप करते हुए धीरे-धीरे इन्हें पानी में विसर्जित करें

गणपति जी का विसर्जन करते वक्त आप रंग बिरंगे फूलों से भी पानी से भरे तब को सजा सकते हैं

मिट्टी और पेपर में से बने गणपति जी को अच्छी तरह से पानी में घूमने दे

मूर्ति पूरी तरह घूमने के बाद पानी को किसी गमले में डालें और कोई पौधा लगा दे

तो दोस्तों इस तरह से भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन किया जाता है

गणपति जी का विसर्जन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए (Ganpati visarjan karne ki vidhi)

दोस्तों भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन करते समय आपके मित्रों का उच्चारण जरूर करना चाहिए

गणपति जी का विसर्जन शुभ मुहूर्त नहीं करें

जब गणपति जी का विसर्जन के लिए लेकर जाएं तो उनके संबंधित सारी चीजों को पोटली में बांध दें और भगवान श्री गणेश जी के साथ ही विसर्जित कर दें

दोस्तों विश्वजीत करते समय जितने भी दिन आपने गणपति जी की पूजा अर्चना की है और उसे समय आपसे कोई भूल चूक हुई है तो उसके लिए भगवान श्री गणेश जी से सम जरूर मांगे

गणेश जी की मूर्ति हो या प्रतिमा इन्हें पानी में धीरे-धीरे विश्वजीत करें एकदम से कभी नहीं छोड़ना चाहिए और पटकन नहीं चाहिए

दोस्तों भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन इधर-उधर पानी में ना करें जहां पर साफ़ पानी है वहीं पर भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन करें

भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन किसी गंदे नाले तालाब में नहीं करना चाहिए अपने आसपास जहां पर गंदा पानी नहीं है और साफ पानी है वहां पर भगवान श्री गणेश जी का विसर्जन करें

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