Shravan Somvar Vrat Katha in Hindi l श्रावण सोमवार व्रत कथा

Shravan Somvar Vrat Katha in Hindi

Shravan Somvar Vrat Katha in hindi श्रावण मास हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और धार्मिक महीना में से एक माना जाता है इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है और उनकी कृपा पाने के लिए कई प्रकार के व्रत रखे जाते हैं इन व्रत में से एक व्रत है श्रवण का सोमवार का व्रत

इस व्रत की मान्यता यह है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं श्रावण सोमवार व्रत कथा का महत्व सदियों से चला आ रहा है इस कथा में एक साहूकार की कहानी है जिसने अपनी संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिव की आराधना की थी इस कथा में हमें श्रद्धा धैर्य और भक्ति का संदेश मिलता है साथ ही यह हमें बताती है कि हमारी सच्ची लगन और प्रार्थना से भगवान प्रसन्न होकर हमारी हर मुरादे पूरी करते हैं Shravan Somvar Vrat Katha in Hindi

Shravan Somvar Vrat Katha
Shravan Somvar Vrat Katha

इस लेख में हम श्रावण सोमवार व्रत कथा का विस्तार से वर्णन करेंगे साथ ही इस पावन कथा को हर पाठकों को पढ़ना चाहिए तथा अपने दोस्तों के साथ या अपने परिवार के साथ बांटना चाहिए इसके अलावा हम श्रावण महीने में पढ़ने वाले सोमवार की संख्या के बारे में भी आपको जानकारी देंगे ताकि आप अपनी सुविधा अनुसार व्रत कर सके Shravan Somvar Vrat Katha in Hindi

श्रावण सोमवार व्रत कथा (Shravan Somvar Vrat Katha)

एक समय की बात है एक नगर में एक धनी साहूकार रहता था उसके पास धन संपत्ति की कोई कमी नहीं थी लेकिन संतान का अभाव था इस वजह से वह बहुत दुखी रहता था पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए वह प्रत्येक सोमवार को व्रत रखता था और पूरे मन से शिव मंदिर में जाकर शिव की आराधना करता था और माता पार्वती की भी पूजा करता था उसकी भक्ति देखकर एक दिन माता पार्वती ने भगवान शिव से उसकी मनोकामना पूर्ण करने का आग्रह किया

शिवजी ने कहा है उसके भाग्य में लिखा होता है वही होता है परंतु माता पार्वती ने साहूकार के भक्ति भाव को देखकर उनकी मनोकामना पूर्ण करने का आग्रह फिर से दोहराया उनके आगरा पर भगवान शिव ने साहूकार को पुत्र रत्न का आशीर्वाद दिया लेकिन यह भी कहा कि पुत्र की आयु केवल 12 वर्ष होगी साहूकार को सपने में आया कि उसके पुत्र की मृत्यु 12 वर्ष के बाद हो जाएगी लेकिन वह ना तो खुश था ना ही दुखी वह पहले की तरह भगवान शिव की पूजा करता रहा कुछ समय के बाद साहूकार के घर में पुत्र जन्म प्राप्त हुआ (Shravan Somvar Vrat Katha)

जब वह 12 वर्ष का हुआ तो उसे शिक्षा के लिए काशी भेजने का निर्णय लिया गया साहूकार ने अपने पुत्र के मामा को बुलाकर उसे बहुत सारा धन दिया और कहा कि बालक को काशी ले जाए और मार्ग में यज्ञ करवाता जाए जहां ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिण दी जाए यात्रा के दौरान वे एक नगर पहुंचे जहां राजा की पुत्री को विवाह हो रहा था राजकुमार एक आंख से कहना था और उसके पिता ने इस बात को छुपाने की योजना बनाई उन्होंने साहूकार के पुत्र को दूल्हे के वस्त्र पहनकर राजकुमारी से विवाह करवा दिया साहूकार का पुत्र ईमानदार था और उसने राजकुमारी की चुन्नी पर लिख दिया कि वह काशी जा रहा है और राजकुमार एक आंख से गाना है राजकुमारी ने यह बातें अपने माता-पिता को बताई और बारात वापस चली गई

साहूकार का पुत्र और उसकी मां काशी पहुंचे वहां पर उन्होंने यज्ञ किया जिस दिन बालक की आयु 12 वर्ष हुई उसी दिन उसकी तबीयत खराब हो गई और उसकी मृत्यु हो गई पुत्र का मामा विलाप करने लगा रोने लगा इस समय माता पार्वती और भगवान शिव वहां से गुजर रहे थे माता पार्वती ने शिवजी से कहा कि इस व्यक्ति के कष्ट को दूर करें शिवजी ने बताया कि यह वही साहूकार का पुत्र है जिसे उन्होंने 12 वर्ष की आयु का वरदान दिया था माता पार्वती के आग्रह पर भगवान शिव ने उसे बालक को फिर से जीवित कर दिया (Shravan Somvar Vrat Katha)

बालक और उसकी मां शिक्षा पूरी करके अपने नगर लौटे रास्ते में वह उन नगर पहुंचे जहां उनका विवाह हुआ था वहां भी उन्होंने यज्ञ किया उसी रात भगवान शिव ने व्यापारी के सपने में आकर कहा कि उसके सोमवार के व्रत व्रत कांड कथा सुनने से प्रसन्न होकर उन्होंने उसके पुत्र को दीर्घायु प्रदान की जो कोई भी सोमवार का व्रत करता है तो उसके सभी दुख दूर होते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है

2024 में कितने सोमवार आएंगे (Shravan Somvar Vrat Katha)

इस वर्ष श्रवण का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और 19 जुलाई को श्रावण मास का महीना खत्म होगा इसी माह में पांच सावन सोमवार आएंगे जिनकी तिथि निम्नलिखित है (Shravan Somvar Vrat Katha)

पहले श्रावण सोमवार 22 जुलाई

दूसरा श्रावण सोमवार 29 जुलाई

तीसरा श्रावण सोमवार 5 अगस्त

चौथ श्रावण सोमवार 12 अगस्त

पांचवा श्रावण सोमवार 19 अगस्त

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